दिल की बातें दिल ही जाने क्या रखा है बताने में? जो उसको तेरी क़दर नहीं बेहतर है भूल जाने में दिल टूटा है, बात कर अपनो से यूं वक्त जाया न कर महखाने में क्यों आंसू ख़र्च करते हो नाहक ही मियां, अभी और भी गम है ज़माने में दिल की बातें दिल ही जाने क्या रखा है बताने में? दिल की बातें दिल ही जाने क्या रखा है बताने में? जो उसको तेरी क़दर नहीं बेहतर है भूल जाने में दिल टूटा है, बात कर अपनो से यूं वक्त जाया न कर महखाने में क्यों आंसू ख़र्च करते हो नाहक ही मियां, अभी और भी गम है ज़माने में