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किसी गांव मे मिल जाये सिनेमा हॉल के जैसी है। मैं म

किसी गांव मे मिल जाये सिनेमा हॉल के जैसी है।
मैं मिट्टी के प्याले सा वो उबले चाय के जैसी है।। वो अंजानी ऐसी है
किसी गांव मे मिल जाये सिनेमा हॉल के जैसी है।
मैं मिट्टी के प्याले सा वो उबले चाय के जैसी है।। वो अंजानी ऐसी है
anujtiwari9457

Anuj Tiwari

New Creator