सरकशी वो जो जकड़े सरों में भी सर उठा जाए मुसाफ़िर वो जो कारवाँ में हो के भी निशाँ अलग बना जाएं गर्दिशों में भी ज़माना पलट देते है कुछ लोग पांव से मार के ठोकर जो दश्त में चश्मा बहा जाएं 17/4/20