Nojoto: Largest Storytelling Platform

हिकमत के मोहब्बत की तासीर, दुआओं की मोहब्बत से बड़ी

हिकमत के मोहब्बत की तासीर, दुआओं की मोहब्बत से बड़ी होती है, 
पराये तो पराये अपने भी भूल जाते हैं जब मुसीबतों की घड़ी होती है. 
सोने के बिस्तरों मे सोने वाले बड़े बेहिस बेमरउवत सुकून से सोते होंगे, 
अपने दर्द मे जागके रोने वालों के आंसू के आगे, ख़ाक चीज़, मोती होती है. 
अरशद आलम अर्श #loving brother
हिकमत के मोहब्बत की तासीर, दुआओं की मोहब्बत से बड़ी होती है, 
पराये तो पराये अपने भी भूल जाते हैं जब मुसीबतों की घड़ी होती है. 
सोने के बिस्तरों मे सोने वाले बड़े बेहिस बेमरउवत सुकून से सोते होंगे, 
अपने दर्द मे जागके रोने वालों के आंसू के आगे, ख़ाक चीज़, मोती होती है. 
अरशद आलम अर्श #loving brother