वो गाँव की खुशहाली हमें भी याद आती है.. वो खेतों की हरियाली हमें भी तो बुलाती है... बस.. वतन के लिए वफा है दिल में.. तुमसे कुछ ज्यादा.. सावन की चूड़ीयाँ तेरी.. कानों में खनखनाती है... nishank_pandit एक फौजी की आवाज़...