अभी उड़ाते हैं ख़यालों के परिंदे कि आसमान पर अपना घर होगा होगा जब हक़ीक़त से सामना तेरा तब ख़याली परिंदा ज़मीं पर होगा देख कर ज़माने के ढंग तब तू कसमसाएगा तुझमें एक डर होगा मुक़ाम पाने की जद्दोजहद में देखेंगे तेरी मेहनत में कितना असर होगा धरातल पर जब पाँव पड़ेंगे ना तेरे तो मजबूती से खड़े होने को रखना सबर होगा यूँ तो इस सफ़र में तुझे बहुत से साथी मिलेंगे मगर परखना कि कौन तेरा असल रहबर होगा ♥️ Challenge-595 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।