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पढा़ई तो एवरेस्ट पर चढा़ई जैसी होती है कपडे़ पर टे

पढा़ई तो एवरेस्ट पर चढा़ई जैसी होती है
कपडे़ पर टेढी़ मेढी़ कढा़ई जैसी होती है
सुबह जल्दी उठना खुद से तगडी़ लडा़ई जैसी होती है
मेरी बच्ची क्यूं तू रोती है
कठिन परिश्रम के बाद मोटी कमाई भी तो होती है
मत भूल हर अंधेरी रात की सुबह भी तो होती है

बोर्ड परीक्षा देने वाले बच्चों को समर्पित

आयुष कुमार गौतम पढा़ई तो एवरेस्ट पर चढा़ई जैसी होती है
पढा़ई तो एवरेस्ट पर चढा़ई जैसी होती है
कपडे़ पर टेढी़ मेढी़ कढा़ई जैसी होती है
सुबह जल्दी उठना खुद से तगडी़ लडा़ई जैसी होती है
मेरी बच्ची क्यूं तू रोती है
कठिन परिश्रम के बाद मोटी कमाई भी तो होती है
मत भूल हर अंधेरी रात की सुबह भी तो होती है

बोर्ड परीक्षा देने वाले बच्चों को समर्पित

आयुष कुमार गौतम पढा़ई तो एवरेस्ट पर चढा़ई जैसी होती है