एकतरफा इश्क़ भी क्या इश्क़ है जैसे डुबते का सहारा कोई ना, इन लहरो की भी कोई मजबूरी होगी किनारो से टकरा के यह भी तो सोई ना, हर आंसू पर नाम उसी का रहता है यह आंख कमबख्त कभी खुद के लिए रोई ना, ✍✍suman..@ Tehtab shafi obaid rehman Amit Kumar aman6.1 Deep Sandhu Talha axlam Khan