सफ़र कि हद है कि सफ़र रहे, तुम दुआ करो सलामत मेरा सर रहे,, ठहरने कि नज़ाकत मेरे कदमों में नहीं, जो खिलाफ है कह दो कि अपने घर रहे,, ये मंजिल नहीं कयामत से कोई कम, हौसला बुलंदी पर है इतनी खबर रहे,, माना हर शख्स कि निगाह में ग़लत हूँ मैं, है खुशी बस देखने वाले उम्र भर रहे, यूँ मुझसे बेहतर कई कलमकार है मोहित, मैं दुआ करूँगा सलामत तुम्हारा हुनर रहे,, मोहित•°● M.S.Writes.Ahi•°● #peace.Safar.......Indian poetry ......On Indian App... Only nojoto Bolo..#Dill se...