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धिक-धिक धरती बोल रही, अम्बर में मचा है, हाहाकार।

धिक-धिक धरती बोल रही,
अम्बर में मचा है, हाहाकार।
                   देवभूमी में कटती है गायें,
                   कैसा मचा है, ये अत्याचार।
द्रुम तिरोहित अब होते जाते,
पर्वत   सब   विरान    हुए।
                  रसायन घात के कारण ही,
                  आहत सब सीवान हुए.....।

©Jai Sanatan #savecows 
#hills
धिक-धिक धरती बोल रही,
अम्बर में मचा है, हाहाकार।
                   देवभूमी में कटती है गायें,
                   कैसा मचा है, ये अत्याचार।
द्रुम तिरोहित अब होते जाते,
पर्वत   सब   विरान    हुए।
                  रसायन घात के कारण ही,
                  आहत सब सीवान हुए.....।

©Jai Sanatan #savecows 
#hills
jaisanatan4734

Jai Sanatan

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