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उमस ऐसी है मौसम में हवा भीगी सी मौसम में बदन गीला

उमस ऐसी है मौसम में
हवा भीगी सी मौसम में
बदन गीला पसीने से
वसन गीले पसीने से
निकाला दिल भी सीने से
ये भीगा याद में तेरी
उल्टे आंसू बहाने से
सुखाए भी कहां इनको
हवा गीली है उमसी है
कसक कह भी दे तो किससे
ये मौसम ही उबासी का
मेरा गीला ही तो है दिल
जला है दिल पड़ोसी का
और कोई शौक में रोया
वो शायर है उदासी का

©दीपेश
  #उमस