तेरी यादों से जो छूटा तन्हा खड़ा रह गया।अरमानों का सारा रंग कहीं निकलता रह गया। कस्ती छोड़ी जो भवार में मैं डूबता रह गया।तेरी सर्गोशी में रह कर भी मैं अधूरा रह गया।। #fghjjhb