कभी अकेली तन्हा रातों में चांद तारों की खूबसूरती को निहारा करो, भूल जाओगे दुःख और परेशानियां कभी खुद से खुशियां ढूंढ़ो करो। जिंदगी जीने के लिए मिली है तो खुलकर जिंदादिली से जीना सीखो, कभी खुद के लिए भी समय निकाल कर खुद से नजरें मिलाया करो। दुनियां बड़ी स्वार्थी हैं अपने स्वार्थ के लिए ही सदा तुम्हारा साथ देगी, दुनियांदारी छोड़ कर तुम कभी- कभी सितारों से भी बात किया करो। हर इंसान व्यस्त हैं अपनी ही जिंदगी में किसी के लिए वक़्त ही नहीं है, अकेली तन्हा जिंदगी में कभी अपने लिए भी तुम वक़्त निकाला करो। अंदर ही अंदर घुटोगे तो जिंदगी के जख्म एक दिन नासूर बन ही जाएंगे, आईना हमारा सच्चा साथी होता है आईने को हाल-ए-दिल बताया करो। -"Ek Soch" #yqbaba #yqdidi #openforcollab #collabwithmitali #kabhi_kabhi_baat #sitaro_se_baat 📀 समय सीमा: 11:59 कल रात्रि तक। 📀 आप किसी भी भाषा में लिख सकते हैं (Hindi & English) 📀 शब्द सीमा: 12 लाइन्स