❤️विवाहित स्त्री से प्रेम ❤
जब प्रेम हो जाता है इक विवाहित स्त्री से याद रखना पड़ता है
उसके पति के घर आने का वक़्त गिननी होती है उसके कुकर की सीटियाँ
देखना होता है दाल बातों के दरम्यान गली या नहीं ध्यान रखना होता है उसने चूल्हा बंद किया या नहीं
उसके परिवार का ख़याल करना होता है पूछना पड़ता है हर रोज़ कैसा है उसका बेटा ?
लिखनी होती हैं कई मैसेज रातें जगकर बताना पड़ता है प्रेम लिख-लिखकर
उसकी बुझी हुई आँखों में झाँकते हुए कई शाम रात गुज़ारनी पड़ती है #Poetry