Incomplete Truth इक उम्र गुज़ार के बैठा हूँ !! सब कुछ स्वीकार के बैठा हूँ !! ऐसा नहीं की कमज़ोर था में या हूँ !! बस जीत सके दूसरे भी इक दफा !! इसीलिए सब हार के बैठा हूँ !! देखा सबको, और खुद को भी !! समझा सबको, और खुद को भी !! कुछ पहनते है मुखौटा, तो कुछ दिखाते है श्रृंगार !! फर्क बस इतना, की में वो सब उतार के बैठा हूँ !! कुछ करते है शिकार, तो कुछ बनते है शिकार !! झूट नहीं है, यही होता है हर बार !! सुना होगा, की हारकर जीतने वाले को बाजीगर कहते है !! और सच कहूं, तो में हर बाजी मार के बैठा हूँ !! इक उम्र गुज़ार के बैठा हूँ !! सब कुछ स्वीकार के बैठा हूँ !! @RB Diaries 🖋️ Though Experience Speaks in Action !! But mine in Words Too !! #IncompleteTruth #kabhihumbhishareefthey!!