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बंद मुट्ठी से जो उड़ जाती है क़िस्मत की परी, इस हथेल

बंद मुट्ठी से जो उड़ जाती है क़िस्मत की परी,
इस हथेली में कोई छेद पुराना होगा।
मुझे ऊँचाइओं पर देखकर हैरान है बहुत लोग,
‪‎पर‬ किसी ने मेरे पैरो के छाले नहीं देखे।
इस भीड़ में अपना नजर आये कोई मुझको,
मैं गुमशुदा बच्चे की तरह खौफज़दा हूँ।
खूबियाँ लाख किसी में हों तो जाहिर न करें,
लोग करते हैं बुरी बात का चर्चा कैसा।
🙋

©अ..से..(अखिलेश).$S....'''''''''!
  Meri Jindagi Meri Mutthi Mein FIR............?

Meri Jindagi Meri Mutthi Mein FIR............? #ज़िन्दगी

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