क्यूँ....?? #क्यूँ.. .....क्यूँ..... फुट कर पांव के छाले पूछ रहे है तुमसे... मेरे दिल में बसने वाले मुझसे दूर घर बना लिया है क्यूँ.? देख कर कातिलों की बस्ती में तुमको,हैरां हु मैं... काफिरो की तरह तुमने भी ख़ंजर उठा लिया है क्यूँ...? मैं ना खुदा हु ये सारा जमाना कहता है मुझको.. पर जमाने ने खुद को हैवान बना लिया है क्यूँ..?