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हम तो लाशों का मातम मनाते रहे तुम सियासी बिसातें ब

हम तो लाशों का मातम मनाते रहे
तुम सियासी बिसातें बिछाते रहे।

झूठ के क़त्लो ग़ारत के बाज़ार को
हमसे बस सब्र ही के तलबगार को।
मैं नहीं मानता,, मैं नहीं मानता...

#सुहेल_अंसारी ♥️

©Suhel Ansari
  हम तो लाशों का मातम मनाते रहे
तुम सियासी बिसातें बिछाते रहे।

झूठ के क़त्लो ग़ारत के बाज़ार को
हमसे बस सब्र ही के तलबगार को।
मैं नहीं मानता…..मैं नहीं मानता...
nojotouser7495419420

Suhel Ansari

New Creator

हम तो लाशों का मातम मनाते रहे तुम सियासी बिसातें बिछाते रहे। झूठ के क़त्लो ग़ारत के बाज़ार को हमसे बस सब्र ही के तलबगार को। मैं नहीं मानता…..मैं नहीं मानता... #Shayari #सुहेल_अंसारी

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