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कुछ गुजरी, कुछ गुजार दी कुछ निखरी, कुछ निखार दी, क

कुछ गुजरी, कुछ गुजार दी
कुछ निखरी, कुछ निखार दी,
कुछ बिगड़ी, कुछ बिगाड़ दी
कुछ अपनी रही, कुछ अपनो पर वार दी,
कुछ इश्क में डूबी, कुछ इश्क़ ने तार दी
कुछ दोस्त साथ रहे, 
कुछ कसर दुश्मनों ने उतार दी।।
जिन्दगी मिली मुझे,
जिन्दगी जैसे ही गुज़ार दी मैंने।।

©AnkitPal writer #findyourself  #Ankitpalwriter
Aarchi Advani Love Rajeev Bhardwaj लेखक  Alankrita Shah
कुछ गुजरी, कुछ गुजार दी
कुछ निखरी, कुछ निखार दी,
कुछ बिगड़ी, कुछ बिगाड़ दी
कुछ अपनी रही, कुछ अपनो पर वार दी,
कुछ इश्क में डूबी, कुछ इश्क़ ने तार दी
कुछ दोस्त साथ रहे, 
कुछ कसर दुश्मनों ने उतार दी।।
जिन्दगी मिली मुझे,
जिन्दगी जैसे ही गुज़ार दी मैंने।।

©AnkitPal writer #findyourself  #Ankitpalwriter
Aarchi Advani Love Rajeev Bhardwaj लेखक  Alankrita Shah