Nojoto: Largest Storytelling Platform

Alone वाह रे मानव, तू कितना क्रूर है । कर खिलवाड़

Alone  वाह रे मानव,
तू कितना क्रूर है ।
कर खिलवाड़ प्रकृति से,
फिर भी तुझे गूरुर है ।
कृत्य तुम्हारे मचाये शोर
देख तू महाविनाश चहुंओर ।
पूर्ण मानवजाति आज त्रस्त है,
प्रकृति के आगे सभी पस्त है ।
तू देख तुम्हारे कृत्य 
कितना मुस्तैद है,
इसलिये तो तू आज 
स्वयं घर में कैद है ।
                       -राजेंद्र कुमार रत्नेश 
                          रामविशनपुर,राघोपुर 
                            सुपौल (बिहार)8521111 मानव ही मानवता का विनाशक है ।
Alone  वाह रे मानव,
तू कितना क्रूर है ।
कर खिलवाड़ प्रकृति से,
फिर भी तुझे गूरुर है ।
कृत्य तुम्हारे मचाये शोर
देख तू महाविनाश चहुंओर ।
पूर्ण मानवजाति आज त्रस्त है,
प्रकृति के आगे सभी पस्त है ।
तू देख तुम्हारे कृत्य 
कितना मुस्तैद है,
इसलिये तो तू आज 
स्वयं घर में कैद है ।
                       -राजेंद्र कुमार रत्नेश 
                          रामविशनपुर,राघोपुर 
                            सुपौल (बिहार)8521111 मानव ही मानवता का विनाशक है ।

मानव ही मानवता का विनाशक है । #कविता