मौसम रंगीन और मिजाज बदला -बदला हैं - जनाब, ये आशिकी का भूत पहला -पहला हैं -जनाब !! अरे - सभी कदरदानों से लड़कर रंज दिलाएंगे, आकर मिलये तो सही आप को भी सब से मिलवाएंगे !! नजर लगी हुई है मेरी सारे जहांन को, उन्ही बरसते बूंदो से काजल लगवाएंगे अपनी जान को !! इस आसमा मे परिंदे बहुत हैं संभल कर उड़ा करो, इश्क के दीवाने बुसुमार हैं हमारे जरा देख के लड़ा करो !! इतना सस्ता नहीं है इश्क़ मेरा कीमत बयाँ नहीं कर सकते, मोती पंखड़ियों मे पाया जाता हैं यूं पानी मे नहीं बहा करते !! #MeraShehar