आज़ाद तो हो गए हैं हम। लेकिन क्या गरीब को भुखमरी से आजादी मिली है आज़ाद तो हो गए हैं हम। लेकिन क्या नौजवानों को बेरोजगारी से आजादी मिली है आज़ाद तो हो गए हैं हम। लेकिन क्या हमारे देश की बहनों को उत्पीड़न से आजादी मिली आज़ाद तो हो गए हैं हम। लेकिन क्या धर्मों के औछे भेदभाव से आजादी मिली है आज़ाद तो हो गए हैं हम। लेकिन क्या किसान को कर्ज के बोझ से आजादी मिली है आज़ाद तो हो गए हैं हम। लेकिन क्या रोड पर गुलाब, झंडे बेचते छोटे बच्चों को आजादी मिली है आज़ाद तो हो गए हैं हम। लेकिन क्या गरीब को दो वक्त की रोटी मिलती है ऐसे ही कुछ सवाल है मेरे जिस दिन इन सभी सवालों का जवाब मिल जाएगा तब गर्व से कहूंगा कि हम आजाद हैं Happy 72nd Independence Day