कुछ सालों से कुछ ऐसे हाल में हैं हम ; जैसे किसी समुद्र के किनारे घर बना बैठे हैं । जहाँ वक़्त-बे-वक़्त लहरें मेरे घर में घुसती हैं, जहाँ हर वक़्त बस एक तूफान के आने का डर रहता है, जहाँ कुछ पल के लिए तूफान आने से पहले की शांति तो होती है, लेकिन उस तूफान के आके जाने के बाद सब कुछ बिखर सा जाता है; सब कुछ मैला सा हो जाता है, जिसे समेटने में मुझे हर बार मेहनत करनी पड़ती है, सब कुछ साफ करने के लिए कई बार मुझे गंदा होना पड़ता है , और जैसे ही सबकुछ सही हो जाता है, तो फिर से तूफान का डर सताता है । पिछले कुछ सालों में कुछ इस तरह सी हो गयी है जिंदगी । #कुछ सालों से#YQ#Yqdidi#Yqbaba#yqpoetry#Yqhindi#long-form#feelings