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स्पर्श हृदय का काव्य करे जब। रचना सुन्दर होती ही त

स्पर्श हृदय का काव्य करे जब।
रचना सुन्दर होती ही तब।।
नहीं सुनो तुम लिखना कुछ भी।
प्रेरित जग हो जिससे ही जी।।
दग्ध हृदय की पीड़ा लिखना।
कोई नहीं हो पर तुम दिखना।।
भले-बुरे का सम हो चित्रण।
नहीं कहीं हो अतिशय वितरण।।

©Bharat Bhushan pathak
  स्पर्श हृदय का काव्य करे जब।
रचना सुन्दर होती ही तब।।
नहीं सुनो तुम लिखना कुछ भी।
प्रेरित जग हो जिससे ही जी।।
दग्ध हृदय की पीड़ा लिखना।
कोई नहीं हो पर तुम दिखना।।
भले-बुरे का सम हो चित्रण।
नहीं कहीं हो अतिशय वितरण।।

स्पर्श हृदय का काव्य करे जब। रचना सुन्दर होती ही तब।। नहीं सुनो तुम लिखना कुछ भी। प्रेरित जग हो जिससे ही जी।। दग्ध हृदय की पीड़ा लिखना। कोई नहीं हो पर तुम दिखना।। भले-बुरे का सम हो चित्रण। नहीं कहीं हो अतिशय वितरण।। #कविता #nojotopoetry #nojotohindi #hindi_quotes #hindi_shayari #hindikavya #hindi_poem #NojotoHindiEmotional #nojotohindiquotestatus #nojotohindi2020 #choupai

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