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लिख़ने से पहले सोचना और समझना पड़ता है, कभी - कभी,

लिख़ने से पहले सोचना और समझना पड़ता है, 
कभी - कभी,
 किसी सवालो का जवाब, 
सवालो में ही ढूँढ़ना पड़ता है, 
क्या खुवाहिश - क्या चाहत है उसकी, 
ये समझने के लिए ही नज़दीकियों का,
वो लंबा सफ़र भी,
 कभी - कभी तय करना पड़ता है...! 
✍️.✍️.✍️
"Written:- by

©Umesh kumar #नज़दीकियों का लंबा सफर
लिख़ने से पहले सोचना और समझना पड़ता है, 
कभी - कभी,
 किसी सवालो का जवाब, 
सवालो में ही ढूँढ़ना पड़ता है, 
क्या खुवाहिश - क्या चाहत है उसकी, 
ये समझने के लिए ही नज़दीकियों का,
वो लंबा सफ़र भी,
 कभी - कभी तय करना पड़ता है...! 
✍️.✍️.✍️
"Written:- by

©Umesh kumar #नज़दीकियों का लंबा सफर

#नज़दीकियों का लंबा सफर #Shayari