#DearZindagi #Dear Zindagi ज़िन्दगी तू मुझे इतना सताती क्यों है ,मैन तेरा क्या बिगाड़ा है, तू मुझे इतना रुलाती क्यों है? ए ज़िन्दगी तू मुझे इतना सताती क्यों है? मेरे हौसलों में ताक़त है तभी तो मैं ज़िन्दा हूँ, मेरी हंसती को भी मिटाने की कोशिश की है तूने, अगर इतना रुलाना ही है...तो इन छोटी छोटी बातों पर हँसाती क्यों है? ए ज़िन्दगी तू मुझे इतना सताती क्यों है? मैंने ताउम्र लोगो की आँखों से अश्क़ पोंछें है, फिर मेरी ही आँखों से समंदर क्यों है? मैं सबकी ज़िन्दगी मे हरयाली लाती रहीं, फिर मेरी अपनी ज़िन्दगी इतनी बंजर क्यों है? जो भी गम देने है दे दे खुल कर तू एक ही बार मुझे, यूँ चोरों की तरह मेरे ही ग़मो को मुझसे छुपाती क्यों है? ए ज़िन्दगी तू मुझे इतना सताती क्यों है? कर्ज़ माँ-बाप का न कोई चुका पाया है मगर, उन्हें ख़ुश रखने की कोशिश तो सबने की है पर मैं वो बदनसीब हूँ यारों ज़िससे माँ-बाप की ख़ुशी भी तूने छीन ली है, जो ख़्वाब पूरे न हो सकें ऐसे ख़्वाब मुझे तू दिखती क्यों है? ए ज़िन्दगी तू मुझे इतना सताती क्यों है? तू मुझे इतना सताती क्यों है?क्यों है? #SachanAparna #DearZindagi I wrote all my love -happiness,sorrow-pain in this poetry for you*SachanAparna*