माँ की मोहब्बत का कर्ज़, मैं कैसे चुका पाऊँगा। माँ क्या अब भी मैं, तेरा राजा बेटा कहलाऊँगा। माँ तूने मुझे अपने आँचल की छाँव में पाला है। तभी तो तू रोज कहती है, तू मेरा प्यारा लाला है। माँ मैं तेरी आँचल का वो फ़र्ज़, कैसे निभाऊँगा। माँ क्या अब भी मैं, तेरा राजा बेटा कहलाऊँगा। माँ जब तू प्यार से मेरे बालों को सहलाती है। मैं जब भी डर जाता हूँ तू मुझे सीने से लगाती है। माँ मैं तुझे प्यार से, देवी माँ कहकर बुलाऊँगा। माँ क्या अब भी मैं, तेरा राजा बेटा कहलाऊँगा। माँ जब बचपन में मैंने, बोलना चलना शुरू किया। माँ के रूप में तब मुझे, मेरा वो पहला गुरु मिला। माँ मैं शिष्य बनकर, क्या गुरुदीक्षा चुका पाऊँगा। माँ क्या अब भी मैं, तेरा राजा बेटा कहलाऊँगा। ♥️ Challenge-563 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ Happy Mother's Day ♥️ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए।