हम दोनों इतने करीब थे जैसे... रेल की पटरी के दो छोर वो... अपने अधिकार की ख़ातिर खड़ी थी मैं... अपने प्यार की ख़ातिर अड़ा था इसी कशमकश में वक्त गुज़रा और बढ़ती रही दूरी पास होकर भी।। ©Arbind #पटरी का छोर