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"अगर ज़िन्दगी में फूल न होते, बादल न होते, पवित्रता

"अगर ज़िन्दगी में फूल न होते, बादल न होते, पवित्रता न होती, प्रकाश न होता, सिर्फ अंधेरा होता, कीचड़ होता, गंदगी होती तो कितना अच्छा होता! हम सब उसमें कीड़े की तरह बिलबिलाते और मर जाते, कभी अन्तः करण में किसी तरह की छटपटाहट न होती। लेकिन बड़ा अभागा होता है वह दिन जिस दिन हमारी आत्मा पवित्रता की एक झलक पा लेती है, रोशनी का एक कण पा लेती है क्योंकि उसके बाद सदियों तक अंधेरे में कैद रहने पर भी रोशनी की प्यास उसमें मर नही पाती, उसे तड़पाती रहती है। वह अंधेरे से समझौता कर ले पर उसे चैन कभी नही मिलती। #धर्मवीर_भारती 
#सूरज_का_सातवाँ_घोड़ा
"अगर ज़िन्दगी में फूल न होते, बादल न होते, पवित्रता न होती, प्रकाश न होता, सिर्फ अंधेरा होता, कीचड़ होता, गंदगी होती तो कितना अच्छा होता! हम सब उसमें कीड़े की तरह बिलबिलाते और मर जाते, कभी अन्तः करण में किसी तरह की छटपटाहट न होती। लेकिन बड़ा अभागा होता है वह दिन जिस दिन हमारी आत्मा पवित्रता की एक झलक पा लेती है, रोशनी का एक कण पा लेती है क्योंकि उसके बाद सदियों तक अंधेरे में कैद रहने पर भी रोशनी की प्यास उसमें मर नही पाती, उसे तड़पाती रहती है। वह अंधेरे से समझौता कर ले पर उसे चैन कभी नही मिलती। #धर्मवीर_भारती 
#सूरज_का_सातवाँ_घोड़ा