तुम से ही हम है मेरी भारत 'माँ' तेरा ऋण कोई चुका न सका 'माँ' तुम हमारी जगत जननी हो 'माँ ' हम तुम्हारे बच्चे हमेशा शरण मे है 'माँ' तुमने हमे बहुत कुछ सिखाया ' माँ' रोशन करते रहेगे नाम तुम्हारा 'माँ' -✍️Shital K.Gujar✍️ 🎀 Challenge-233 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए।