वो खामोशी उस रात की , अपने आप में एक कहानी थी वो मौसम ,वो हवा सब कुछ नया था बस मेरी तकलीफ पुरानी थी, जिसके खंजर से मारा गया मुझे वो मेरे लिए बहुत ही ख़ास था खुद को बचाता केसे में भला क्युकी मरहम भी उसी के पास था ©SHAYAR SURJEET poetry challenge #राहतइंदौरी #kanhakamboj #तितलीयाँ #Shades