तुम्हारा हाथ अपने हाथों में ले कर बैठना चाहता है दिल तुम्हें गले लगा कर जाने क्या क्या करना चाहता है दिल तुम्हारी हिचक और हम पर लगायी बंदिशें कुछ खत्म कर रही भीतर से हमें। बिना पाबंदियों के तुम में घुल-मिल जाना चाहता है दिल।। ©Alok krishya #hands