White यादों के इस दौर में हम भी लेख लिख रहे है न जाने वो कहा है कैसी है कुछ नहीं पता बस मालूम इतना है लोगों के दिलों में बहुत तारीफ है उसके लिए शायद कर्मों का फल या निस्वार्थ सेवा मेरे लेख ना जाने कब तक पहुंचेंगे मेरे दिल में एक अनोखा सा ख्याल है आप से इतना प्यार हम जता नहीं सकेंगे अज्ञात लेख....✍️ ©Prashant Maurya #Shiva यादों के इस दौर में Nîkîtã Guptā परिंदा shayari in hindi shayari on life