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एक सुकून भरा वो पल, और वो प्यारी चिड़िया याद है ...

एक सुकून भरा वो पल, और वो प्यारी चिड़िया याद है .......
《READ IN CAPTION》🐦💫❤ "एक चिड़िया" रोज़ आया करती थी ,घर की खिड़की पर जब मे छोटा था ,और "तब सोचता दिल दिमाग से ज्यादा था।" चिड़िया हर रोज़ आती थी और में भी रोज़ टक टकी
लगाये देखता और "ये लमहा सुकून भरा सा", 
चिड़िया को कुछ दिन देख सोचता ? की क्या ये रोज वाली ही है या फिर दुसरी कोई उड़ आई? पर कुछ दिन देख पहचान होने लगी .........
"उस चिड़िया से जान पहचान होने लगी , चहचाहट से ज्यादा अब कुछ बात होने लगी ।"
 
उस चिड़िया का रोज आना मानो एक नए दिन के उदय का एहसास था, वो मधुर आवाज और मेरी आंखो को सुकून देने वाला पल......,

कभी जाएगा ढल सोचता हू तो कुछ बहुत प्यारा  सा खो देने का डर याद आता है।
एक सुकून भरा वो पल, और वो प्यारी चिड़िया याद है .......
《READ IN CAPTION》🐦💫❤ "एक चिड़िया" रोज़ आया करती थी ,घर की खिड़की पर जब मे छोटा था ,और "तब सोचता दिल दिमाग से ज्यादा था।" चिड़िया हर रोज़ आती थी और में भी रोज़ टक टकी
लगाये देखता और "ये लमहा सुकून भरा सा", 
चिड़िया को कुछ दिन देख सोचता ? की क्या ये रोज वाली ही है या फिर दुसरी कोई उड़ आई? पर कुछ दिन देख पहचान होने लगी .........
"उस चिड़िया से जान पहचान होने लगी , चहचाहट से ज्यादा अब कुछ बात होने लगी ।"
 
उस चिड़िया का रोज आना मानो एक नए दिन के उदय का एहसास था, वो मधुर आवाज और मेरी आंखो को सुकून देने वाला पल......,

कभी जाएगा ढल सोचता हू तो कुछ बहुत प्यारा  सा खो देने का डर याद आता है।

"एक चिड़िया" रोज़ आया करती थी ,घर की खिड़की पर जब मे छोटा था ,और "तब सोचता दिल दिमाग से ज्यादा था।" चिड़िया हर रोज़ आती थी और में भी रोज़ टक टकी लगाये देखता और "ये लमहा सुकून भरा सा", चिड़िया को कुछ दिन देख सोचता ? की क्या ये रोज वाली ही है या फिर दुसरी कोई उड़ आई? पर कुछ दिन देख पहचान होने लगी ......... "उस चिड़िया से जान पहचान होने लगी , चहचाहट से ज्यादा अब कुछ बात होने लगी ।" उस चिड़िया का रोज आना मानो एक नए दिन के उदय का एहसास था, वो मधुर आवाज और मेरी आंखो को सुकून देने वाला पल......, कभी जाएगा ढल सोचता हू तो कुछ बहुत प्यारा सा खो देने का डर याद आता है।