”पाथर पूजे हरी मिले,तो मै पूजू पहाड़ ! घर की चक्की कोई न पूजे,जाको पीस खाए संसार!!” ”कांकर पाथर जोरि के ,मस्जिद लई चुनाय | ता उपर मुल्ला बांग दे, क्या बहरा हुआ खुदाय ||” – कबीर satyprabha💕 ”पाथर पूजे हरी मिले,तो मै पूजू पहाड़ ! घर की चक्की कोई न पूजे,जाको पीस खाए संसार!!” ”कांकर पाथर जोरि के ,मस्जिद लई चुनाय | ता उपर मुल्ला बांग दे, क्या बहरा हुआ खुदाय ||” – कबीर