नजर को जब तक नज़रिए की समझ न थी, नजरों के सामने जो था वहीं सच था सही था, छोटी सी आंखें थी, छोटी छोटी खुशियों से भरी थी। आज नजर को नज़रिए की समझ हुई है, तब नजरों के सामने जो है वह सच है या सही है कई बार वह समझ से परे है, और इन बड़ी सी आंखों को काफी बड़ी खुशियां भी ना जाने क्यूं कम पड़े हैं। 🧡🖤🖤🧡 #eyesight #outlook #understanding #adulting #rightorwrong #beinghuman #hindipoems #grishmapoems