खबाब जैसे धूल से सन गये , रिश्ते सब खंजर बन गये ... किसकी तरफ देखूं , कौन बने अब रहबर .... ज़िनको बनाया था कभी अपना , आज वो ही दुश्मन बन गये ........ Dhool