पिता! तुम बचपन की कहानी में हो छुपे कहीं आँखों के पानी में हो तेरी झलक मेरे इशारों में है तुम साँसों की रवानी में हो मेरी मासूमियत में ,मेरे ख़यालों में तुम मेरी ख़ुशी में, मेरी हैरानी में हो # पिता! तुम यादों के पट्टे की निशानी में हो