Nojoto: Largest Storytelling Platform

स्नेहअमृत छलके हृदय से ममतामयी दो कमल नयन... तेजस

स्नेहअमृत छलके हृदय से 
ममतामयी दो कमल नयन...
तेजस्व मुखमंडल,मन मोहे, 
अतुलनीय माँ तेरा वर्णन...
 
पीताम्बर माँ देह सोहे,
भाव-विभोर हूँ करके दर्शन...  
जग जननी तुम स्कंदमाता, 
गोद विराजें स्कंद-नंदन...

अभय ओज वात्सल्य की देवी,
शत शत बार माँ तुम्हें नमन...
जय हो हें स्कंदमाता भवानी,
कर कृपा धन्य हो मेरा जीवन...

©Chanchal's poetry #skandamata
स्नेहअमृत छलके हृदय से 
ममतामयी दो कमल नयन...
तेजस्व मुखमंडल,मन मोहे, 
अतुलनीय माँ तेरा वर्णन...
 
पीताम्बर माँ देह सोहे,
भाव-विभोर हूँ करके दर्शन...  
जग जननी तुम स्कंदमाता, 
गोद विराजें स्कंद-नंदन...

अभय ओज वात्सल्य की देवी,
शत शत बार माँ तुम्हें नमन...
जय हो हें स्कंदमाता भवानी,
कर कृपा धन्य हो मेरा जीवन...

©Chanchal's poetry #skandamata