बेकरार हैं ये आंखें तेरे वास्ते अभी तक तो जिंदा हैं... इन बेकरार निगाहों की प्यास बुजानी हैं... तुझें देख के हीं आखों को मिटाना हैं... ©Shubhangi Sutar #निगाह