#WorldTheatreDay रंगमंच कुछ मिसरी सी मीठी, रंगमंच से दुनिया मेरी, तो कुछ मिट्टी की खुशबू जैसी। कुछ जीवन में खुशियां दे, तो कुछ जीवन में दुःख मिले। फिर भी हिम्मत बना रहे। कभी प्यार ममता की ज्योति से नुर, तो कभी आलोक सर सा प्यार । मस्तक झुका के वंदना करेअपने गुरु को बारंबार। रंगमंच को प्रेम की नैया से उद्धार करे। ©Ravindra #World_Theatre_Day