फ़ौजी का पत्र, बहन के नाम,,,, जानता हूँ बहना, तेरी बाँधी राखियाँ, मुसीबतों में मेरी ढाल बन जाएगी। गर हुई हिमाकत किसी कि, मुझसे टकराने की, तेरी दुआएं असर कर जाएगी ।