ज़िनदगी हर लम्हा ऐसे ही हमे बस आज़माती है कभी खुशी तो कभी ग़म के मौसम ये दिखाती है जो कहते हैं हमे अपना वो अपने ही नहीं होते हमे ऐसे ही लोगों की सच्चाई ये दिखाती है