आप यूँ फ़ासलों से गुज़रते रहे दिल से कदमों की आवाज़ आती रही आहटों से अंधेरे चमकते रहे रात आती रही रात जाती रही हो, गुनगुनाती रहीं मेरी तनहाइयाँ दूर बजती रहीं कितनी शहनाइयाँ ज़िंदगी ज़िंदगी को बुलाती रही आप यूँ फ़ासलों से गुज़रते रहे दिल से क़दमों की आवाज़ आती रही आप यूँ फ़ासलों से गुज़रते रहे दिल से कदमों की आवाज़ आती रही आहटों से अंधेरे चमकते रहे रात आती रही रात जाती रही हो, गुनगुनाती रहीं मेरी तनहाइयाँ दूर बजती रहीं कितनी शहनाइयाँ ज़िंदगी ज़िंदगी को बुलाती रही