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सत्यवादी, वचन पुरुष, धर्म रक्षक, तेजाजी। गौ भक्त,

सत्यवादी, वचन पुरुष, धर्म रक्षक, तेजाजी।
गौ भक्त, नारी रक्षक, पापी के दुश्मन, तेजाजी।।
ताहड़ पिता, मात रामकंवरी,राजल बहना प्यारी।
अस्त्र भाला, पत्नी पैमल, लिलन घोड़ी असवारी।।
शिवजी के अवतार ग्यारहवें,लोकदेवता तेजाजी।
समाज सुधारक नायक, छुवाछूत विरोधी तेजाजी।।
विक्रम संवत ग्यारह सो तीस, माघ सुदी चौदस गुरुवार।
नागौर जिला खरनाल तेजाजी, आय लियो अवतार।।
नागदेवता का आशीर्वाद मिला, आभा अनोखी तेज ।
देख चमक ललाट की,नाम धरिया वीर तेजा  तेज।।
बालपन में ब्याव हुयो संग, पेमल गांव पनेर के माय।
भाभी का सुन ताना तेजो, अपनी  गौरी लेवन जाय।।
जलतो देख्यो नाग कालिया,तेजो लियो बचाय।
मोक्ष होवतो म्हारो तेजा, क्रोध अति भर जाय।।
तू म्हारो अपराधी तेजा, में तुझे  डसुंगा आज।
जहर म्हारो अति भयानक,खायों न  मांगे नाज।।
लाछा गुजरी गाय छुड़ाऊं,वापस बांबी आऊं।
सत्यवादी वीर में तेजा, फ़र्ज़ जरा   निभाऊं ।।
घायल हो गए युद्ध भूमि में, लेकिन गाये छुड़ाई।
चोटिल घायल लहूलुहान, लियो जी पुण्य  कमाई।।
सत्यवादी जाट वीर तेजाजी, लौटकर बांबी आए।
लो  डसलो  है नाग देवता, देकर आवाज जगाए।।
सारा तन है  लहूलुहान, तेजा, कोई जगह ना खाली।
भाले चढ़ आ जाओ ऊपर, जीभ डसो यह खाली।।
धन्य भूमि  धन्य तेजा, धन्य थारा मायर बाप।
घर घर पूजा होवसी, वचन निभायो  आप ।।
भादवा शुक्ल दशमी, संवत ग्यारह सो साठ।
सर्प देवता काल कियो,देवा दुनिया नाले बाट।।
काला को खायोडो  तेजा, गयो स्वर्ग सिधार।
दुनिया जय जयकार करे, सती संग पेमल नार।।
सुरसुरा अजमेर जिला, तहसील किशनगढ़ धाम।
लाखों आवे है यात्री, लेकर तेजा थारो नाम।।
ढोलक मजीरा चंग अलगोजा, मीठा भजन सुनावे।
दुखिया ने सुखिया  करे , बिगड़या  काम बनावे।।
धोलिया गोत्र जाट जाति,भारत में कमायो  नाम।
प्रभुदयाल सत्पुरुष तेजाजी, श्रद्धा संग प्रणाम।।

कवि लेखक शिक्षक मंच संचालक प्रभु दयाल रेगर 
हरसोली दूदू जयपुर राजस्थान

©Prabhu Dayal Kavi lekhak
  #तेजाजी