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कैंसर को हराना आसान नहीं था पर...मैं भीतर से टूट च

कैंसर को हराना आसान नहीं था
पर...मैं भीतर से टूट चुका था...
की  मैं शायद इस दुनियां नही रहुंगा
हिम्मत मेरी वा पूरे परिवार की नही...
 बची थी...ये सोच क्या होगा कल...
पर दोस्तों ये सच है...हर डूपते को..
तिनके का सहारा ...आज मैं कैंसर 
को हरा कर मैं ..मेरे पूरे परिवार के साथ...
खुशहाल जिंदगी अपनी...
जी रहा हूं.....

©sanjay " jalim" हिम्मत
कैंसर को हराना आसान नहीं था
पर...मैं भीतर से टूट चुका था...
की  मैं शायद इस दुनियां नही रहुंगा
हिम्मत मेरी वा पूरे परिवार की नही...
 बची थी...ये सोच क्या होगा कल...
पर दोस्तों ये सच है...हर डूपते को..
तिनके का सहारा ...आज मैं कैंसर 
को हरा कर मैं ..मेरे पूरे परिवार के साथ...
खुशहाल जिंदगी अपनी...
जी रहा हूं.....

©sanjay " jalim" हिम्मत