कविता नन्ही कलम से ... लॉकडाउन में वह सुबह, अक्सर याद आती थी । जब मम्मी गरमा गरम, जलेबियां खिलाती थी।। हमारे लिए संडे को भी , जल्दी वह उठ जाती थी । सभी को मम्मी पेट भर के यम्मी जलेबी बनाती थी।। प्लेट खाली होने से पहले, फिर से वह भर जाती थी। सभी के खा लेने के बाद, मम्मी जलेबी खाती थी।। लॉकडाउन में वह सुबह, अक्सर याद आती थी । जब मम्मी गरमा गरम, जलेबियां खिलाती थी।। ©Sumit Mandhana 'Gaurav' Surat #Kids #kidspoem #sumitmandhana #sumitgaurav #laughterkefatke #sumitkikalamse #nojotoapp #जलेबी #jalebi #trend