उसी तरहां ये ज़िन्दगी भी उलझ गई तू ही तो इन बैगानो मे अपना जिसे मैं खुदा मानता हूँ तू पास है मेरे हर घड़ी मैं जानता हूँ मगर दूरियों के कारण तेरी कमी आज महसूस हो गईं जो सुलझानी थी बात हमने वो उलझी की उलझी रह गई कई बार बात समझाते हुए, बात उलझ के रह जाती है। और हम चाह कर भी कुछ नहीं कर पाते। #बातउलझगई #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #terasukhi #terasukhiqyotes #1_tera_sukhi #sukhi56wala