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S-सूरज सा उन्मुक्त H-हिमालय सा अड़िग I-ईमानदारी में

S-सूरज सा उन्मुक्त
H-हिमालय सा अड़िग
I-ईमानदारी में अव्वल
V-विश्वनीय विस्तृत पंथ 
A-आदि अंत अनन्त हूँ..!

K-कोशिश करता हूँ आसमाँ जितनी 
ख़ुशियाँ लुटाने की
A-आशीष माता-पिता का सदैव पाने की
N-नहीं ग़ुरूर सही सुना आपने हुज़ूर
T-त्रिनेत्र त्रिपुरारी "शिवा" खुशियों का बसंत हूँ..!

©SHIVA KANT
  #boat #Shivakant