चुप थे हर दर्द को सहकर हर फ़र्ज़ को निभाकर वो चुप थीं क्योंकि हम उस संस्कृति को मानते आए हैं जहां पर बेटा-बेटी तो बोल सकते हैं लेकिन बहु/बीबी के बोलने से मर्दों इज्ज़त कम हों जाती है। ©U S FAUJI #पुरूष_प्रधान_मानसिकता #PoetInYou